
बांके बिहारी कॉरिडोर पर पुर्नविचार याचिका पर हुई सुनवाई
बांके बिहारी कॉरिडोर पर पुर्नविचार याचिका पर हुई सुनवाई
-सुप्रीम कोर्ट में मंदिर के सेवायत ने दाखिल की थी याचिका, 29 जुलाई को अगली सुनवाई
मथुरा । वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध ठा0 बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के प्रकरण लेकर 15 मई को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकृति दी थी। सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने अपने आदेश में कहा था कि कॉरिडोर के लिए जमीन ली जाए, वह मंदिर के कोष से ली जा सकती है लेकिन, वह जमीन बांके बिहारी जी के नाम से ली जाएगी, इस फैसले के विरोध में मंदिर के पुजारी ने मुख्य न्यायाधीश की अदालत में पुनर्विचार याचिका दाखिल की जिस पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई ।
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बहस की, फिर कोर्ट ने 29 जुलाई की तिथि निर्धारित की है, सेवायत देवेंद्र गोस्वामी की तरफ से दाखिल पुनर्विचार याचिका पर कोर्ट संख्या-5 में सुनवाई हुई, याची का कहना है कि उनको सुने बिना कोर्ट ने एकतरफा आदेश दे दिया था जबकि इस मामले में उनका भी पक्ष सुना जाना चाहिए था, कोर्ट ने कहा कि ट्रस्ट फण्ड को मैनेज कर लेगा, सरकार को इसमें क्या दिलचस्पी है ? पिटीशनर से रिव्यू फाइल करने को कहा तथा सरकार को ऑर्डिनेंस की कॉपी सर्व करने का आदेश पारित किया। अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी। तब तक कोई नया डेवलपमेंट इस प्रकरण में नहीं होगा ।
बांके बिहारी मंदिर के लिए यूपी सरकार ने ट्रस्ट बना दिया है, उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव अतुल श्रीवास्तव ने यह आदेश जारी किया, इस ट्रस्ट के काम भी तय किए गए हैं, अब ट्रस्ट के पदाधिकारी ही तय करेंगे कि पूजा व्यवस्था कैसी होगी ? त्योहारों पर मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था कैसी रहेगी ? इस ट्रस्ट का कामकाज देखने के लिए मुख्य कार्यपालक अधिकारी को तैनात किया गया है, ट्रस्ट में 18 सदस्य होंगे। अधिसूचना के अनुसार, बोर्ड में 4 तरह के सदस्य होंगे। पदेन सदस्य के रूप में 7 अधिकारी होंगे। वहीं 11 अन्य सदस्य प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल किए जाएंगे। ट्रस्ट में वैष्णव परंपरा, संप्रदाय या पीठों से संबंधित 6 लोग शामिल होंगे। 3 सदस्य शिक्षाविद्, उद्यमी, समाजसेवी होंगे। मंदिर के गोस्वामी परंपरा से 2 सदस्य होंगे, सूत्रों का कहना है कि एक-दो दिन में योगी सरकार श्री बांके बिहारी जी मंदिर न्यास के सीईओ पद पर किसी अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी ।