
भूमिगत जल के अवैध दोहन की रोकथाम को होगी कार्यवाही
भूमिगत जल के अवैध दोहन की रोकथाम को होगी कार्यवाही
-सीडीओ ने सभी कारोबार कर्ताओं को जारी किया नोटिस, दी चेतावनी
मथुरा। भूमिगत जल संरक्षित, नियंत्रित करने एवं भूमिगत जल का सतत प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए उसे दोनों परिमाणात्मक और गुणात्मक स्थ्यित्व प्रदान करने के लिए, विशेष रूप से भूजल संकट ग्रस्त ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में भूजल संरक्षण एवं संवर्धन पर जोर दिया गया है एवं औद्योगिक, वाणिज्यिक, अवसंरचनात्मक व सामूहिक उपयोगकर्ताओं को भूजल निष्कर्षण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र पंजीकरण का प्रावधान किया गया है।
मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना ने अवगत कराया है कि समस्त औद्योगिक, वाणिज्यिक, अवसंरचनात्मक परियोजनाओं और सामूहिक उपयोगकर्ताओं यथा आरओ प्लांट, कार वॉशिंग सेंटर, होटलों, लोजों, रिसोर्टाे, निजी चिकित्सालयों, परिचर्चा गृहों, कारोबार प्रक्षेत्रों, माल्स, वाटर पार्क आदि महित मौजूदा, एवं प्रस्तावित भूजल उपयोगकर्ताओं को सूचित किया है कि दो लाख से पांच लाख तक का जुर्माना और छह माह से एक वर्ष तक का कारावास के साथ दण्डित किया जा सकने का प्रावधान अथवा दोनों दण्ड निर्धारित किये गए हैं। श्रेणी के सभी भूगर्भ जल उपयोगकर्ता तत्काल भूगर्भ जल विभाग के वेब पोर्टल पर दिशा निर्देश देते हुये निवेश मित्रा के माध्यम से सभी वांछित तकनिकी रिपोर्ट व सम्बन्धित शपथ पत्रों सहित ऑन लाईन आवेदन कर अनापत्ति प्रमाण पत्र, पंजीकरण प्राप्त करना सुनिश्चित करें।