
वनों से आच्छादित होगा कॉरिडोर, निखरेगा प्राचीन स्वरूप
वनों से आच्छादित होगा कॉरिडोर, निखरेगा प्राचीन स्वरूप
-बिहारी जी कॉरिडोर को मध्य रख वृंदावन में फिर पुनर्जीवित होंगे दो वन क्षेत्र
मथुरा। वृंदावन कभी तुलसी (वृंदा) का वन हुआ करता था। लता पताओं से अच्छादित हर तरफ हरियाली थी। मंदिरों के साथ कुंज और सरोवर इस पवित्र भूमि की खूबसूरती को और निखरते थे, जो अब नहीं हैँ। इस प्राचीन स्वरूप को फिर से वन क्षेत्र के माध्यम से पुनर्जीवित करने की योजना उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने तैयार की है। कोरिडोर बनने के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ यहां प्राकृतिक छटा का लुफ्त उठा सकेंगी।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि वन विभाग के साथ ब्रज तीर्थ विकास परिषद अब श्री बाँकेबिहारी जी की नगरी वृंदावन में दो नए वन क्षेत्र विकसित कर रहा है। इसमें एक क्षेत्र प्रेम मंदिर के निकट वृंदावन छटीकरा मार्ग स्थित सुनरख है, जहाँ वर्तमान में बबूल के पेड़ हैँ। 125 एकड़ क्षेत्रफल में से करीब 80 एकड़ मे इस वन को तैयार किया जा रहा है। योजना के तहत वन विभाग यहाँ पीपल, बरगद, पाखड़, नीम, कदम्ब के वृक्ष लगाएगा।
सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि इसी तरह एक अन्य योजना वृंदावन स्थित कुम्भ क्षेत्र की है। जहां वृंदावन का प्राचीन मूल स्वरूप देखने को मिलेगा। यमुना किनारे 56 हेक्टेयर कुंभ क्षेत्र को रमणीक वन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहाँ यमुना तट और परिक्रमा मार्ग के बीच कदंब, बरगद आदि वृक्षावली तैयार हो रही है। इनके नीचे भक्तजन भगवत आराधना, भगवत कथा का श्रवण भी कर सकेंगे। इसके लिए मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण द्वारा अस्थाई विशाल पंडाल बनाया जा रहा है।
यमुना किनारे स्थित यह कुंभ क्षेत्र श्री बाँकेविहारी जी भक्तों को प्राचीन वृंदावन का अहसास कराएगा। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद यहाँ एक निजी संस्था के साथ काम कर रहा है। इस पूरे क्षेत्र को भविष्य में लगने वाले कुंभ को देखते हुए तैयार किया है, जिसमें रास्ते और साधु संतों के पंडाल के किए भी खाली स्थान रखा गया है। उन्होंने बताया कि यह दोनों ही वन क्षेत्र श्रीबाँकेबिहारी कोरिडोर बनने के बाद बढ़ने वाली भीड़ के लिए उपयुक्त स्थल होंगे। यहाँ लोग दर्शन से पहले या पट बंद होने के बाद दोपहर के वक्त वृंदावन की प्राकृतिक छटा का लुफ्त उठा सकेंगे। इन दोनों वन क्षेत्र के मध्य बिहारीजी कोरिडोर निर्माणाधीन है।