मुडिया मेला : भक्तों को चुभन देंगी परिक्रमा मार्ग पर बिखरी ककड़ियां

मुडिया मेला : भक्तों को चुभन देंगी परिक्रमा मार्ग पर बिखरी ककड़ियां
-कच्चे मार्ग पर जल भराव, अंधेरा, घना जंगल, पेयजल और जन सुविधा का अभाव
     मथुरा । उत्तर भारत के मिनी कुंभ के नाम से जाना जाने वाला पांच दिवसीय मुड़िया पूर्णिमा मेला में गिरिराजजी की सात कोसीय परिक्रमा में उमड़ने वाले श्रद्धालुओं को सहूलियत देने के लिए प्रशासन पूरी ताकत झोंक रहा है, परंतु क्षतिग्रस्त सड़क और शूल सी बिखरी कंकड़िया श्रद्धालुओं के साथ मुड़िया शोभायात्रा में शामिल संतों के पैरों को घायल करेंगी। रात में परिक्रमा मार्ग में आवारा घूमने वाले जानवरों को रोकना चुनौती होगा। अगर वर्षा हुई तो पार्किंग और परिक्रमा मार्ग में जगह जगह जलभराव की समस्या भी प्रशासन की परीक्षा लेगी। 
   प्रतिवर्ष यही मानकर चला जाता है कि पांच दिवसीय मुड़िया पूर्णिमा मेला में करीब एक करोड़ श्रद्धालु गोवर्धन महाराज की परिक्रमा कारेंगे, इस बार यह मेला 6 से 10 जुलाई तक लगेगा, भीड़ उमड़ने पर व्यवस्था भी लड़खड़ाने लगती है और सब कुछ गिरिराजजी की भरोसे चलता है। जिला प्रशासन मेले की तैयारी कर रहा है। बहुत हद तक ट्रैफिक से लेकर पीने के पानी तक के छोटे से छोटे इंतजाम पर खुद डीएम सीपी सिंह और एसएसपी श्लोक कुमार संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं। मथुरा की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं को बाईपास चौराहा पर अंधेरा मिल सकता है, क्योंकि यहां रोशनी के लिए खंबे भी नहीं लगे हैं, बड़ी परिक्रमा मार्ग की शुरुआत में, जतीपुरा मुखारविंद मंदिर में बिखरी कंकड़ियां भक्तों के पैरों में शूल सी चुभती हैं, मुड़िया शोभायात्रा के दौरान तमाम भक्त और मुड़िया संत जिस मार्ग से निकलेंगे, वह मार्ग क्षतिग्रस्त है, कंकड़िया बिखरी पड़ी हैं। जबकि मुड़िया संतों के नाम पर ही मेला का आयोजन माना जाता है।
   गिरिराजजी की बड़ी परिक्रमा के दो रास्ते हैं, एक रास्ता तो वह है जिस पर सड़क बनी है, जोकि प्रशासन की नजर में पूरे इंतजामों से तैयार की जा रही है, बड़ी परिक्रमा मार्ग में एक दूसरा रास्ता और है जो बिलकुल तलहटी में सघन वृक्षों के बीच से गुजरता है। इस मार्ग पर ब्रजरज होने के कारण जानकार श्रद्धालु परिक्रमा लगाने के लिए इसी मार्ग को चुनते हैं, कच्चे मार्ग में रोशनी का कोई इंतजाम नहीं है, पेयजल के नाम पर लंबी दूरी तक हैंडपंप और प्याऊ दिखाई नहीं देती, पेयजल को तरसता यह मार्ग मुड़िया पूर्णिमा मेला की भीड़ में भी सुविधा विहीन रहेगा।
    वहीं मुड़िया पूर्णिमा मेला पर बरसात हुई तो दिक्कत शुरू हो जाती हैं। कच्चे स्थानों पर बनाई जा रहीं अस्थाई पार्किंग में कीचड हो जाती है। वर्षा के मद्देनजर प्रशासन को परिक्रमा के साथ पार्किंग व्यवस्था में बदलाव का प्लान भी तैयार रखना होगा। जलभराव के चलते परिक्रमा कर रहे श्रद्धालुओं को पानी में होकर निकलना पड़ सकता है। खैरा मौहल्ला के समीप वर्षा के दौरान नालियों का पानी ओवरफ्लो होकर सीधा मानसीगंगा में गिरकर जल को प्रदूषित करता है। जो बच जाता वह मार्ग को अवरुद्ध कर देता है। प्रदूषित पानी में से निकलने को मजबूर वाशिंदे प्रशासनिक व्यवस्थाओं को कोसकर अपने मन की भड़ास निकाल लेते हैं।

Advertisement
Advertisement
About Loktantra

भारत दुनियाभर का एक मात्र ऐसा लोकतांत्रिक देश है जो जनसंख्या एवं क्षेत्रफल के आधार पर एक अहम स्थान रखता है हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था भी बेमिसाल है यहां ग्राम ,मोहल्ला स्तर से लेकर जनपद, प्रदेश व देश स्तर पर लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित है। राज्य व केंद्रीय शासन द्वारा देश के प्रत्येक जनता की समस्याओं का ध्यान रखते हुए प्रशासनिक व्यवस्थाएं क्रियान्वित की जाती हैं |लोकतंत्र का आगाज उसी लोकतंत्रिक व्यवस्था की कड़ी के रूप में प्रत्येक नागरिक की आवाज का आगाज करते हुए समाचार प्रसारित कर शासन प्रशासन तक समस्याओं को प्रदर्शित कर व शासन-प्रशासन की योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने में सजग है।

Total Users: 854646
Get In Touch

Office : faujadar market, opp. Patiram mandir, sonkh road, krishna nagar, mathura-281004

7417674275

[email protected]

Copyright ©2025 InzealInfotech. All rights reserved.