
भालू संरक्षण पार्क की तर्ज पर बने मंकी पार्क-रामवीर सिंह तोमर
भालू संरक्षण पार्क की तर्ज पर बने मंकी पार्क-रामवीर सिंह तोमर
मथुरा । नगर निगम की सीाम से बडी संख्या में बंदारों को पकड कर गांवों के रास्तों पर छोडा गया है। कई साल से निगर निगम की ओर से नगर निगम सीमा से बंदरों को पकडने का टैंण्डर उठाया जाता रहा है लेकिन नगर निगम की ओर से यह कभी नहीं बताया गया कि बंदरों को पकड कर छोडा कहा जाता है। बंदरों के लिए कोई पार्क, सफारी या संरक्षण केन्द्र नहीं है।
शहर से पकड कर बंदरों को गावों में कई साल से छोड जा रहा है। अब ऐसे गांव जहां बंदरों की कोई सम्स्या नहीं थी, अब बंदरों की समस्या से जूझ रहे हैं। उत्पादी बंदरों से ग्रामीण भारी परेशान हैं। बंदरों के झुंड घरों में घुसकर तोड़फोड़ कर रहे हैं, सामान उठा ले जा रहे हैं और लोगों पर हमला भी कर रहे हैं। खासकर, छोटे बच्चों और महिलाओं को बंदरों से ज्यादा खतरा है। लोगों का कहना है कि बंदरों की वजह से उनका जीना मुश्किल हो गया है। वे न तो घर से बाहर निकल पाते हैं और न ही अपने घरों में सुरक्षित महसूस करते हैं।
भारतीय किसान यूनियन चढूनी के मंडल अध्यक्ष रामवीर सिंह तोमर ने कहा कि कुछ दिनों से ग्रामीण क्षेत्रों में बंदरों की बढ़वार हो गई है। झुंड के झुंड बंदरों ने ग्रामीणों का जीना मुश्किल कर दिया है। गर्मियों में बंदर हमलावर हो रहे हैं। लोगों को अचानक काट रहे हैं। बुजुर्ग महिला पुरुषों और बच्चों का छत पर निकलना दूभर कर दिया है। सरेआम फल सब्जी व छतों पर सूख रहे कपड़ों को उठा ले रहे हैं, तो कहीं घरों में घुस सामान साफ कर रहे हैं। वहीं कूड़ेदानों में निवाला तलाशने के चक्कर में सारा कूड़ा बिखरा रहे हैं, जिससे गंदगी फैल रही है। इतना ही नहीं भगाने पर उल्टा काटने आ रहे हैं। छतों व बरामदों में सामग्री रखना व घरों के इर्द गिर्द बागवानी को सुरक्षित रखना मुश्किल हो गया है। हर वक्त पहरा जरूरी हो गया है। ऐसे में लोग बेहद आजिज आ चुके हैं। गढ़सौली सुखवीर सिंह, उमा तोमर, अभिषेक तोमर, बरौली के हरपाल सिंह परिहार, जादौपुर के सोरन, कन्हैया, रवि पाराशर, पंचम सिंह, नगला बली के रविश, सैदपुर के गुड्डू सरपंच, मोहन सिंह, हथकौली के डा रमेश चंद्र सिकरवार, केदारी, रविन्द्र सिकरवार ने बताया कि बंदर लोगों के लिए गंभीर समस्या बन गए हैं। काटने पर रेबीज के इंजेक्शन अलग से लगवाने पड़ते हैं। मौका लगते ही बंदर घरों में कीमती सामान, दवाइयां, चश्मे, मोबाइल तक लेकर भाग जाते हैं।
सोनवीर तोमर, महेश प्रधान, बंटी, नेत्रपाल सिकरवार, ओमवीर सिंह, श्यामवीर परिहार, हरिओम, मेहताब सिंह सिकरवार आदि ग्रामीणों ने बताया कि बंदरों ने कहा है कि बंदरों ने कई बुजुर्गाे को काट लिया है, हालत ये हैं कि बंदरों बंदरों से बचने के सारे उपाय फेल हो गए हैं। गुलेल से लेकर पटाखे फोड़ कर बंदरों को डरा रहे हैं फिर भी बंदरों से पार पाना मुश्किल हो गया है। खुले में ग्रामीण महिलाएं रोटी बनातीं हैं तो बंदर तवे से रोटी लेकर भाग जाते हैं। विक्रम सिंह, विनोद, हीरा सिंह चौधरी, राजकुमार, पुष्पेंद्र सिंह, हीरो काका, पूरन पहलवान, सोहन सिंह सिकरवार आदि ने बंदरों से छुटकारे की मांग की है।