अक्षय तृतीया : ठा0 बांकेबिहारी के चरण दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
अक्षय तृतीया : ठा0 बांकेबिहारी के चरण दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
-देश के कोने-कौन से पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं ने किये ठाकुर जी के चरण दर्शन
-वर्षभर में सिर्फ एक बार होते हैं ठाकुर जी के चरण दर्शन
वृन्दावन (मथुरा) । अक्षय तृतीया के पर्व पर ठाकुर बांकेबिहारी के चरण दर्शन को श्रद्धालुओं का जमकर सैलाब उमडा, लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने वृंदावन के मंदिरों में दर्शन किये और परिक्रमा की लगाई, बाँकेबिहारी मन्दिर पर भीड़ का दबाव रहा, इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने सहित दूसरी व्यवस्था पर ध्यान रखा, रविवार के दिन अक्षय तृतीया के पर्व के दृष्टिगत जिलाधिकारी पुलकित खरे और एसएसपी शैलेश पांडे ने पैदल गश्त कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया ।
जिलाधिकारी व एसएसपी ने श्री बांकेबिहारी जी मन्दिर व आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए पैदल गश्त किया, पुलिस एवं प्रशासन द्वारा की गयी व्यवस्था का निरीक्षण किया, श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की अव्यवस्था व असुविधा का सामना नही करना पड़े इसका भी ध्यान रखा गया, यहां अपने आराध्य के चरण दर्शन के लिए श्रद्धालु भक्तों की भीड़ प्रातः से ही ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के बाहर एकत्रित होने लगी और पट खुलते ही श्रद्धालु भक्त जयकारे लगाते हुए मंदिर में प्रवेश करने लगे, बांके बिहारी महाराज के चरण दर्शन की लालसा लेकर आये श्रद्धालु अपने आराध्य के चरणों की एक झलक पाने को लालायित होकर इंतजार करने लगे और मनोकामना चरण दर्शन कर खुद को धन्य महसूस करते हुए दोनों हाथ उठाकर प्रभु की जयकार करने लगे, मंदिर परिसर जयकारों से गुंजायमान हो उठा ।
अक्षय तृतीया पर्व पर मंदिर के सेवायतों द्वारा ठाकुर जी को शीतलता प्रदान करने को गुलाब जल से तैयार किये गये विशेष चंदन से श्रीविग्रह का लेपन किया गया, साथ ही स्वर्ण आभूषण, चरणों में रजत पायल और पीत वस्त्रों में भव्य श्रृंगार भी किया गया, साथ ही ठाकुरजी को सत्तू समेत अन्य शीतल पेय पदार्थों का भोग अर्पित किया गया और उनके चरणों में चंदन का एक बड़ा गोला भी रखा जाता है, अक्षय तृतीया का पर्व बांकेबिहारी जी के अलावा राधा दामोदर, राधावल्लभ, मदन मोहन जी, बरसाना स्थित श्री मंदिर आदि में भी कार्यक्रम हुए और श्रद्धालुओं की भीड़ रही, अक्षय तृतीया के बारे में कहा जाता है कि इस दिन किया जाने वाला दान, कभी क्षय नहीं होता और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, अक्षय तृतीया पर्व पर भगवान को चंदन अर्पित करने के लिए मंदिर के सेवायत 15 दिन से चंदन की घिसाई कर रहे थे ।