नमामि गंगे योजना : प्राचीन 21 कुंडो का होगा पुनरुद्धार
नमामि गंगे योजना : प्राचीन 21 कुंडो का होगा पुनरुद्धार
-केंद्र सरकार को भेजा गोवर्धन परिक्रमा मार्ग स्थित नौ कुण्डों का प्रस्ताव
-सामाजिक सहभागिता के अंतर्गत 12 कुंडो का किया जायेगा रखरखाव व जीर्णोद्धार
मथुरा । प्राचीन कुंड कान्हा नगरी की पहचान रहे हैं, प्रमुख मंदिरों के आसपास प्राचीन काल के धार्मिक और पुरातात्विक महत्व के कुंड मौजूद हैं, रखरखाव के अभाव और अतिक्रमण के चलते अधिकांश कुंड अब अपने प्राचीन स्वरूप में नहीं है, जनपद के शहरी व ग्रामीण अंचलों में तालाबों का अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत पुनरुद्धार किया जा रहा है, वहीं प्राचीन महत्व के कुंडों का भी पुनरुद्धार किया जा रहा है, डीएम पुलकित खरे ने सात अप्रैल को गोवर्धन परिक्रमा मार्ग का निरीक्षण किया था जिसके बाद निर्णय लिया गया कि गोवर्धन परिक्रमा मार्ग स्थित समस्त पौराणिक कुण्डों का पुनरुद्धार कराना आवश्यक है ।
नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत गोवर्धन परिक्रमा मार्ग पर स्थित नौ कुण्डों का पुनरुद्धार हेतु भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भेजा गया है जिनमें शंकर्षण कुण्ड, रूद्र कुण्ड, हरजी कुण्ड, सुरभि कुण्ड, मानसी गंगा, कुसुम सरोवर, राधाकुण्ड, श्याम कुण्ड व अस्ताक्षी कुण्ड शामिल हैं जिनके जीर्णोद्धार हेतु 19.33 करोड़ रूपए का प्राक्कलन स्वीकृति हेतु भारत सरकार को भेजा गया है, अन्य 12 कुण्डों हेतु जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी गोवर्धन एवं संबंधित अधिशासी अधिकारी को निर्देश दिये है कि सभी कुंडो का निरीक्षण कर उनकी मौजूदा स्थिति, जल की उपलब्धता, रखरखाव सम्बंधी टिप्पणी सम्मिलित करते हुए 15 मई तक अधोहस्ताक्षरी को प्रस्तुत करें, इन 12 कुण्डों के जीर्णोद्धार हेतु सामाजिक संस्थाओं से वार्ता करके प्रत्येक कुण्ड हेतु एक संस्था का उत्तरदायित्व तय करें जो इनका रखरखाव कर सकें ।