अजब कारोबार : "नाम मथुरा जी का पेडा और माल राजस्थान का", आस्था से धोखाधड़ी
अजब कारोबार : "नाम मथुरा जी का पेडा और माल राजस्थान का", आस्था से धोखाधड़ी
-खाद्य विभाग ने वृन्दावन में पकड़ी मथुरा के पेडा में मिलावटखोरी, 700 किलो पेड़ा कराया नष्ट
मथुरा । देशभर में मथुरा के पेड़ा को बहुत ही बड़ी ख्याति व पहचान मिली हुई है, यह भी कहा जा सकता है कि मथुरा की एक पहचान यहां के पेड़े से भी होती है लेकिन इस ख्याति व पहचान की आड़ में कुछ काले कारोबारी अपने मंसूबों को पूरा करने में मशगूल हैं जिन्होंने "नाम मथुरा जी का पेडा, माल राजस्थान का" स्लोगन को साकार कर दिया है, आस्था की चासनी में लिपटे इस पेडा की बिक्री भी बम्पर है, ब्रज से श्रद्धालु अपने साथ पेडा का डिब्बा ले जाना नहीं भूलते हैं, पेडा को प्रसाद मानकर खरीदारी करने वाले श्रद्धालु मोलभाव और पूछताछ भी ज्यादा नहीं करते हैं, इसी का लाभ यहां के दुकानदार भी उठा रहे हैं, खाद्य विभाग ने मिलावट मिलने पर 700 किलो पेडा को वृंदावन में नष्ट कराया ।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के सहायक आयुक्त डॉ0 गौरीशंकर के मुताबिक जिलाधिकारी द्वारा दिये गये आदेश के क्रम में शुक्रवार की रात्रि आठ बजे वृंदावन में दर्जनों मिठाई की दुकानों व गोदामों पर छापामार कार्यवाही करते हुए पांच सैंपल मिलावटी पेड़ा व अन्य मिठाई के नमूने संग्रहित किये, साथ ही लगभग 700 किलोग्राम दूषित मिलावटी पेड़ा एवं मिल्क केक को मौके पर नष्ट कराया गया, इस पेड़ा को बनाने का मेंटेरियल राजस्थान के धौलपुर से वृंदावन एवं गोवर्धन क्षेत्र में मंगाया जाता है जिसके बाद मिठाई विक्रेता उसे पेड़े के रूप में विक्रय करते हैं ।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा सभी विक्रेताओं को हिदायत दी गई है कि यदि उनके द्वारा मिलावट तथा दूषित मिठाई व पेड़ा का विक्रय किया जायेगा तो उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जायेंगे, साथ ही कड़ी कार्रवाई की जायेगी, विभाग की इस कार्यवाही को देख काफी दुकानदारों ने अपने शटर गिरा दिए, सभी संग्रहित नमूनों को जांच हेतु प्रयोगशाला भेजा जा रहा है, सहायक आयुक्त डॉ0 गौरीशंकर ने बताया कि मिलावटखोरी के विरुद्ध अभियान अनवरत रूप से चलता रहेगा, यदि खाद्य कारोबारियों द्वारा मथुरा की प्रसिद्ध मिठाई पेड़ा जिसे श्रद्धालु प्रसाद के रूप में खरीदते हैं, में मिलावट की गई तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी, इस कार्यवाही के दौरान टीम में एसएस निरंजन, देवराज सिंह, अरुण कुमार, दलवीर सिंह खाद्य सुरक्षा अधिकारी एवं ताराचंद खाद्य सहायक शामिल थे ।