सात कोस में उमड़ा जनसैलाब, बड़ा ही रोचक व दिलचस्प है मुडिया नाम
सात कोस में उमड़ा जनसैलाब, बड़ा ही रोचक व दिलचस्प है मुडिया नाम
-रविवार को मुड़िया संतों ने कराया मुंडन, गोवर्धन में सोमवार को निकलेगी मुडिया शोभायात्रा
-मुड़िया शोभायात्रा की परंपरा से इस आयोजन का नाम विख्यात हुआ मुडिया नाम
मथुरा । सात कोस में जनसैलाब उमड़ पडा है, गोवर्धन पर्वत की सप्तकोसीय परिक्रमा में अटूट मानव श्रृंखला नजर आ रही है और अद्भुत, अलौकिक दृश्य हर किसी को रोमांचित कर रहा है, सोमवार को हारमोनियम, मृदंग और झांझ मंजीरा आदि वाद्य यंत्रों की ध्वनि के मध्य मानसी गंगा परिक्रमा को मुडिया संत निकलेंगे जिसको स्थानीय लोग मुडिया यात्रा के नाम से जानते हैं, उत्तर भारत के इस करोड़ी मेला को मुडिया नाम मिलने की कहानी भी बेहद रोचक और दिलचस्प है ।
गुरू पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित इस मेले में आने वाले श्रद्धालु गोवर्धन पर्वत की सात कोसी परिक्रमा करते हैं, परिक्रमा में कई मंदिर, कुंड, सरोवर पडते हैं लेकिन मेला का नाम इनमें से किसी से नहीं मिला, हरिनाम संकीर्तन महामंत्र जप के साथ मुंडन कराकर मुडिया संत तैयार हैं, मुंडन या मूड मुडाने से ही इस आयोजन को मुडिया नाम मिला है, सोमवार को चकलेश्वर के राधा श्याम सुंदर मंदिर से मुंडिया संत वाद्य यंत्रों की धुनों पर नृत्य करते हुए पौराणिक मुडिया शोभायात्रा मानसी गंगा परिक्रमा को निकलेंगे, मुडि़या पूर्णिमा के उपलक्ष्य में पूज्यपाद सनातन गोस्वामी की याद में गुरु पूर्णिमा की सुबह 10 बजे चकलेश्वर के राधा श्याम सुंदर मंदिर से महंत रामकृष्ण दास महाराज के निर्देशन में वाद्य यंत्रों के साथ भक्ति नृत्य करते हुए शोभायात्रा मानसी गंगा की परिक्रमा लगाते निकाली जायेगी ।
रविवार को मुडिया संतों ने सिर मुंडन कराकर वाद्य यंत्र तैयार कर लिये, सनातन धर्म की गुरु शिष्य परंपरा अनुसार रामकृष्ण दास प्रातः आठ बजे शिष्यों को गुरु दीक्षा ग्रहण करायेंगे, मुडिया शोभायात्रा से पहले रविवार को महंत राम कृष्ण दास के निर्देशन में हरेकृष्ण, हरेराम नाम का जप कर मुडि़या संत सिर मुड़ाकर शोभायात्रा के लिए तैयार हैं, मंदिर में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, विहार, मध्य प्रदेश, सहित कई विदेशी भक्त महंत के शिष्य गोवर्धन पहुंच गये, रामकृष्ण दास ने बताया कि महामंत्र जाप के साथ संतों ने मुंडन कराया है, तीन जुलाई की सुबह शिष्यों को गुरु दीक्षा कार्यक्रम आयोजित होंगे, इसके बाद वाद्य यंत्र ढोलक, हारमोनियम, मृदंग, झांझ, मंजीरा की धुनों के साथ हरिनाम संकीर्तन करते हुए 10 बजे मुडिया यात्रा मानसी गंगा परिक्रमा के लिए निकाली जायेगी ।