सात धर्म गुरुओं को किया गया सम्मानित, गुरुओं की महत्ता पर डाला प्रकाश
सात धर्म गुरुओं को किया गया सम्मानित, गुरुओं की महत्ता पर डाला प्रकाश
-श्रीमद् भागवत कथा आयोजन समिति द्वारा किया गया आयोजन
-आदिगुरु महर्षि वेदव्यास प्रादुर्भाव समारोह का किया गया आयोजन
मथुरा । सद्गुरु महर्षि वेदव्यास प्रादुर्भाव समारोह में चरण अभिषेक पूजन अर्चन, संगोष्ठी, अध्यात्म भूषण उपाधि से धर्मगुरुओं का सम्मान किया गया, आध्यात्मिक गुरुओं की महत्ता महर्षि वेदव्यास से ब्रजमंडल की विद्वानों की प्रमुख संस्था श्रीमद् भागवत कथा आयोजन समिति के तत्वावधान में व्यास पूर्णिमा के उपलक्ष्य में कृष्ण द्वैपायन आदिगुरु महर्षि वेदव्यास प्रादुर्भाव समारोह का आयोजन महर्षि वेदव्यास की पौराणिक तपस्थली कृष्ण गंगा घाट पर किया गया ।
समिति संस्थापक पंडित अमित भारद्वाज व अध्यक्ष पंडित शशांक पाठक के निर्देशन में मंत्री हर्षवर्धन शास्त्री अनुष्ठान प्रमुख आचार्य आलोक बैंकर के आचार्यत्व में धर्मगुरु व विद्वानों ने वेदव्यास का चरण अभिषेक किया, तत्पश्चात वैदिक रीति से पूजन अर्चन वंदन किया गया, इस अवसर पर विद्युत संगोष्ठी का आयोजन व्यास जी के जीवन दर्शन पर हुआ, ब्रजमंडल के विद्वानों व धर्म गुरुओं को अध्यात्म भूषण की उपाधि से अलंकृत किया गया ।
समारोह का दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ मुख्य अतिथि सुदामा कुटी वृंदावन की श्रीमहंत अमर दास महाराज, रसिक संत मोहिनीबिहारी शरण महाराज, पंडित अमित भारद्वाज पंडित, शशांक पाठक, समारोह संयोजक शिवओम गौड ने संयुक्त रूप से किया, विद्वानों ने व धर्मगुरुओं ने कहा कि आध्यात्मिक गुरुओं की महत्ता, अस्तित्व महर्षि वेदव्यास के कारण है, इसी से उनको आदि गुरु की संज्ञा दी गई है, वर्तमान में आध्यात्मिक गुरुओं को अपना पूजन कराने से पूर्व व्यास जी की कृपा प्रसादी का स्मरण अवश्य करना चाहिए जिसकी वजह से उन गुरुओं का पूजन होता है ।
गोष्ठी के दौरान सात धर्म गुरुओं का सम्मान किया गया, समारोह का समापन व्यास जी की महा आरती एवं प्रसादी के साथ हुआ, सम्मानित विद्वान वृंदावन के आचार्य महेश भारद्वाज मोहिनी शरण महाराज, द्वारकाधीश मंदिर के धर्म सलाहकार अजय कुमार तैलंग, भागवताचार्य आचार्य लालजी दीक्षित, पौराणिक सप्तशती मंदिर के मंदिर के महंत महंत देवेंद्र दास के अलावा उपाध्यक्ष राहुल पाराशर अक्ल, आचार्य ओम प्रकाश कौशिक, विनोद गौड़, श्रीनिवास शास्त्री, श्याम बिहारी शास्त्री, तरुण पाल, गोपाल शास्त्री, मोहित दुबे, आचार्य लालजी भाई शास्त्री तपेश भारद्वाज पंडित विनोद गौड़ जगदीश चंद्र मिश्रा आचार्य नंद किशोर महंत, दीपक शास्त्री आचार्य सहित अनेक विद्वतजन, पांडित्यजन ने सहभागिता की ।